नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के काफिले पर हमला, बुलडोजर से रोका गया रास्ता

Fourth Pillar Live

यूपी डेस्क: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडेय को बुधवार को गोरखपुर दौरे के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं और व्यापारी समुदाय के सदस्यों के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा. इस बीच, समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि माता प्रसाद पांडेय पर असामाजिक तत्वों ने हमला किया. विरासत कॉरिडोर से गुजरने और ‘तिवारी हाता’ में मीडिया को संबोधित करने वाले पांडेय को बीच रास्ते में नरमल चौराहे पर भाजपा कार्यकर्ताओं और व्यापारियों के एक समूह ने रोक लिया और “सपा वापस जाओ” जैसे नारे लगाए. इस दौरान मामूली झड़प हुई, जिसमें समाजवादी पार्टी के कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा, जिसमें खिड़कियां टूट गई.

इसके जवाब में माता प्रसाद पांडेय और समाजवादी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने सड़क पर धरना दिया. इसी स्थान पर भाजपा समर्थकों और व्यापारी समुदाय के सदस्यों ने समानांतर धरना दिया. पुलिस ने भाजपा की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हस्तक्षेप किया, जिससे पांडेय कुछ व्यापारियों से संक्षिप्त बातचीत करने के बाद आगे बढ़ सके. इसके तुरंत बाद, समाजवादी पार्टी का काफिला ‘तिवारी हाता’ की ओर फिर से चल पड़ा. बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पांडेय ने कहा, “व्यापारियों को जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है. जब हम सड़क चौड़ीकरण के लिए मकानों को तोड़े जाने की स्थिति का निरीक्षण करने गए तो हमें भाजपा कार्यकर्ताओं और एक विधायक ने बीच रास्ते में ही रोक लिया. हमारी गाड़ी का शीशा तोड़ दिया.” वहीं, इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक विपिन सिंह ने कहा, “जब गोरखपुर और पूरे प्रदेश में तेजी से विकास हो रहा है, तब समाजवादी पार्टी राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह की नौटंकी कर रही है. व्यापारी समुदाय अब उनके एजेंडे को समझ गया है और इसीलिए यह विरोध प्रदर्शन हुआ.”

इस बीच, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि पांडेय और पूर्व विधायक लाल बिहारी यादव पर गोरखपुर दौरे के दौरान असामाजिक तत्वों ने “हमला” किया. ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यादव ने इस घटना को “अत्यंत निंदनीय” बताया और कहा कि यह उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र की स्थिति के बारे में गंभीर चिंता पैदा करता है. अखिलेश यादव ने पोस्ट में कहा, “गोरखपुर दौरे के दौरान माता प्रसाद पांडेय जी और लाल बिहारी यादव जी पर असामाजिक तत्वों द्वारा किया गया हमला अत्यंत निंदनीय है.” उन्होंने आगे कहा, “अगर राजनीतिक पहुंच और जन शिकायत निवारण पर राज्य समर्थित अराजक ताकतों द्वारा जानलेवा हमले किए जाते हैं, तो इसे अराजकता का शासन ही कहा जा सकता है.” समाजवादी पार्टी प्रमुख ने दोषियों के खिलाफ सख्त और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की, साथ ही चेतावनी दी कि ऐसा न करने पर इसे “जानबूझकर की गई साजिश” माना जाएगा. उन्होंने सरकार की आवास योजना और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का हवाला देते हुए कहा, “अगर कार्रवाई नहीं की गई, तो यह माना जाएगा कि यह ‘जो बचाता नहीं, उसे हटा देता है, जो पीडीए नहीं, उसे सता देता है’ का मामला है.

समाजवादी पार्टी के आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल ने भी भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर अपराधियों को बचाने और प्रभावितों की आवाज दबाने का आरोप लगाया. पार्टी ने पोस्ट किया, “सच को दबाने के लिए सरकार गुंडों पर भरोसा कर रही है.” इसमें लिखा है, “शर्मनाक कृत्य में, असामाजिक तत्वों का इस्तेमाल करके गोरखपुर में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडेय और लाल बिहारी यादव पर उस समय हमला किया गया, जब वे सरकारी कार्रवाई से पीड़ित व्यापारियों से मिल रहे थे.” पार्टी ने आगे आरोप लगाया कि हमले के पीछे का मकसद व्यापारियों को अपनी शिकायतें व्यक्त करने से रोकना था, और पुलिस से सख्त और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की. घटना के बारे में स्थानीय प्रशासन या पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई. नआ ही बुधवार रात तक कोई गिरफ्तारी हुई.

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