कोर्ट द्वारा रिपोर्ट मांगने से रॉबर्ट वाड्रा की बढ़ीं मुश्किलें, 24 जुलाई को सुनवाई

Fourth Pillar Live

नई दिल्ली डेस्क: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को रॉबर्ट वाड्रा और अन्य के खिलाफ धन शोधन अभियोजन शिकायत पर सुनवाई की। इसे दस्तावेजों के सत्यापन के लिए सूचीबद्ध किया गया है। कोर्ट ने रिकॉर्ड कीपर (अहलमद) से रिपोर्ट मांगी है। मामले को 24 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलों पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। वाड्रा पर आरोप हैं कि उनसे जुड़ी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपये में 3.5 एकड़ जमीन खरीदी थी। इस सौदे का म्यूटेशन भी असामान्य तरीके से कर दिया गया।

आरोप है कि हरियाणा के तत्कालीन भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने इस जमीन में से 2.70 एकड़ जमीन को कमर्शियल कॉलोनी के तौर पर डेवलप करने की इजाजत देते हुए रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को इसका लाइसेंस दिया था। आवासीय परियोजना का लाइसेंस मिलने के बाद जमीन की कीमत बढ़ गई। बाद में वाड्रा से जुड़ी कंपनी ने कंपनी ने ये जमीन डीएलएफ को 58 करोड़ में बेच दी। आगे चलकर हुड्डा सरकार ने आवासीय परियोजना का लाइसेंस डीएलएफ को ट्रांसफर कर दिया। आरोप है कि इस पूरी डील में कई अनियिमताएं की गई। हरियाणा पुलिस ने 2018 में इस सौदे से जुड़े मामले में केस दर्ज किया।

ईडी ने भी इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू की। राबर्ट वाड्रा से जुड़े इस मामले में हुई कथित गड़बड़ी का खुलासा आईएएस अशोक खेमका ने किया था। इसके बाद वे सुर्खियों में आ गए थे। बीते एक दशक से रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ लगे आरापों का इस्तेमाल विपक्षी पार्टियों ने अलग-अलग चुनावों में कांग्रेस पर आरोप साधने के लिए किया है। दिसंबर 2023 में ईडी ने इस मामले में यूएई स्थित व्यवसायी सीसी थंपी और ब्रिटेन के हथियार डीलर संजय भंडारी के रिश्तेदार सुमित चड्ढा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में वाड्रा और उनकी पत्नी प्रियंका गांधी का नाम आरोपी के तौर पर नहीं है, लेकिन उनकी भूमि खरीद-बिक्री का विवरण शामिल है।

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