यूपी के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का फूटा गुस्सा, शेयर किया बिजली अधिकारी का ऑडियो

Fourth Pillar Live

यूपी डेस्क: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा एक बार फिर अपने ही विभाग के अधिकारियों पर जमकर बरसे हैं. उन्होंने विभागीय लापरवाही और संवेदनहीनता को लेकर खासी नाराजगी जताई है. खास बात यह रही कि उन्होंने बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी और उपभोक्ता के बीच हुई बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की है. यह ऑडियो उन्हें एक वरिष्ठ नेता ने भेजा. दावा किया कि विभागीय अधिकारी जनता की शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. बातचीत के लहजे में भी बेहद असंवेदनशील हो गए हैं.

ऊर्जा मंत्री ने पोस्ट में लिखा, कई बार सांसद रह चुके एक वरिष्ठ नेता ने अपने क्षेत्र से एक पढ़े-लिखे नागरिक की बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी से हुई बातचीत का ऑडियो मुझे भेजा है और इस पर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने आगे लिखा, यही बात मैंने तीन दिन पहले UPPCL के चेयरमैन, एमडी और अन्य अधिकारियों को कही थी. कड़े शब्दों में यह भी कहा था कि 1912 की टोल फ्री व्यवस्था या अन्य टेक्नोलॉजी आधारित व्यवस्था मानवीय व्यवस्था की पूरक हो सकती है, विकल्प नहीं. ऊर्जा मंत्री ने अफसरों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई और कहा, अधिकारियों ने फोन उठाना ही बंद कर दिया है. तितलौकी तो थी ही, अब नीम पर चढ़ गई. अनेक ऐसे गलत निर्णय हमारे बार-बार लिखित / मौखिक रूप से मना करने के बावजूद हुए हैं. मैंने कहा था कि ऐसे कई गलत, असामयिक और अव्यवहारिक निर्देशों के कारण जनता को परेशानी हो रही है.

शर्मा ने दावा किया कि विभाग के अधिकारियों ने बैठक में उन्हें गुमराह किया. मीटिंग में सबने कहा कि 1912 (हेल्पलाइन) पर ही शिकायत दर्ज कराने का कोई विशेष निर्देश नहीं दिया गया, लेकिन मुझे उन पर विश्वास नहीं हुआ. मैंने कई बार पूछा, हर बार असत्य ही सुनने को मिला. उन्होंने आगे कहा, अब आप स्वयं ऑडियो सुनिए और वास्तविकता समझिए. शर्मा ने साफ शब्दों में कहा कि बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें. समस्याओं का त्वरित समाधान करें, शालीन भाषा में संवाद करें. अन्यथा परिणाम भयंकर होंगे.

ऊर्जा मंत्री ने वो वॉट्सऐप मैसेज भी शेयर किया, जो उन्हें एक वरिष्ठ नेता ने भेजा था. उसमें लिखा गया था, माननीय मंत्री जी, बस्ती शहर के एक बड़े मोहल्ले में सुबह 10 बजे से बिजली नहीं है. रात 8 बजे तक कोई अधिकारी फोन नहीं उठा रहा था. जब अधीक्षण अभियंता को कॉल किया गया तो उनका व्यवहार बेहद असंवेदनशील था. जिस तरीके से बात की, उसको सुनकर आप खुद जान जाएंगे कि Public Grievance के प्रति ये कितने संवेदनहीन हैं और इनके अपने संबंधों से यह स्पष्ट होता है कि सरकार की छवि जानबूझ कर खराब करने में लगे हुए हैं. शर्मा ने रविवार सुबह पोस्ट किया और बताया कि बस्ती के SE प्रशांत सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. उन्होंने लिखा, उपभोक्ता देवो भवः… बिजली उपभोक्ता की शिकायत के प्रति असंवेदनशीलता एवं अमर्यादित व्यवहार की घटना पर बस्ती के SE प्रशांत सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. अन्य समस्त विद्युत अधिकारियों एवं कर्मियों को उपभोक्ता समस्याओं के प्रभावी एवं त्वरित समाधान हेतु पुनः निर्देशित किया गया है. सभी लोग जनसेवा में तत्पर रहें.

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