Fourth Pillar Live
यूपी डेस्क: शहीद पथ स्थित दयालबाग के पास अपने प्लाट में बने कमरे में चकबंदी विभाग के 52 वर्षीय बाबू राजकुमार सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में सिर में गोली लगने से मौत हो गई। चालक जब कमरे में पहुंचा तो खून से लथपथ शव देख उसने घटना की सूचना मृतक के परिवारजन और पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस और फारेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य एकत्रित किए हैं। शव के पास से पुलिस को एक रिवॉल्वर भी मिली है।
निगोहां के करनपुर गांव में राजकुमार सिंह का पैतृक आवास है, लेकिन वह आशियाना के सेक्टर जी में पत्नी किरण और दो बच्चों के साथ रहते थे। बुधवार की सुबह वह घर से ऑफिस जाने की बात कहकर अपने चालक के साथ कार से निकले थे। इसके बाद वह दोपहर करीब दो बजे शहीद पथ स्थित अपने प्लाट पर पहुंचे। यह प्लाट उन्होंने कुछ दिनों पहले ही अपने बेटे शशांक सिंह के नाम पर एक पार्टनर के साथ मिलकर खरीदा था।
प्लाट पर एक कमरा भी बना था। उन्होंने अपने चालक को बाहर ही रोक दिया और फिर अंदर चले गए। काफी देर वह बाहर निकले और अपना एक फोन भी गाड़ी में छोड़ दिया, जबकि दूसरा फोन अपने साथ ले गए थे। काफी देर तक परिवारजन ने फोन कर संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई। इस पर परिवार ने दूसरे नंबर पर फोन किया।
चालक ने फोन रिसीव किया और बात कराने के लिए राजुकमार के कमरे पर गया तो उनका शव खून से लथपथ हालत में पड़ा हुआ था। पास ही रिवॉल्वर भी पड़ी थी। इसमें दो गोलियां और भी थी। पुलिस उपायुक्त दक्षिण निपुण अग्रवाल ने बताया कि मृतक के पास से एक सुसाइड नोट मिला है, इसमें उन्होंने खुद को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। उधर, बड़े भाई विजय ने आत्महत्या पर सवाल उठाते हुए पूरे मामले की जांच की मांग की है। पुलिस को मिली रिवॉल्वर किसकी है, इसका भी पता नहीं चल सका है।