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यूपी डेस्क: गर्रा व खन्नौत नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गईं हैं। बाढ़ का पानी राजकीय मेडिकल कॉलेज में भी पहुंचना शुरू हो गया है। जिस वजह से 100 से अधिक मरीजों की छुट्टी कर दी गई। नजदीक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सक्रियता बढ़ा दी गई है। ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों को वहां भर्ती किया जा सके। शहर की गर्रा व खन्नौत नदी शुक्रवार सुबह खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गईं। मेडिकल कॉलेज में भी पानी पहुंचना भी शुरू हो गया। ऐसे में इमरजेंसी वार्ड से मरीजों को दूसरी व तीसरी मंजिल के वार्डों में शिफ्ट किया गया। करीब 100 मरीज जो बुखार व अन्य सामान्य बीमारियों वाले भर्ती थे उनकी छुट्टी कर दी गई।
गर्रा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। पूर्व में जिस तरह से पानी छोड़ा गया है, उससे आशंका जताई जा रही है कि पूर्व की तरह इस बार भी मेडिकल कालेज में पानी आ सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हों, इसके लिए पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी गईं। जांच मशीनों से लेकर अन्य उपकरण दूसरी मंजिल पर रात में ही शिफ्ट करना शुरू कर दिया गया था।
सीएमओ डा. विवेक कुमार मिश्रा ने वहां पहुंचकर प्राचार्य डा. राजेश कुमार से तैयारियों को लेकर चर्चा की। सीएमओ ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भावलखेड़ा पर मरीजों को भर्ती कराया जाएगा। इसके लिए वहां तैयारियां लगभग पूरी करा दी गई हैं। इसी तरह अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी व्यवस्थाएं दुरस्त कराई जा रही हैं ताकि मेडिकल कालेज में सिर्फ गंभीर मरीज ही भेजे जा सकें। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सीएमओ ने पांच टीमें गठित की हैं जो शहर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर दवाएं देंगी। इसी तरह जलालाबाद व मिर्जापुर क्षेत्र में भी टीमें लगाई गई हैं।