मुज़फ्फरनगर में रिटायर्ड इंजीनियर से 33 लाख की ठगी, एमबीए पास दो ठग अरेस्ट

Fourth Pillar Live

एनसीआर डेस्क: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में पीडब्ल्यूडी यानी लोक निर्माण विभाग के एक रिटायर्ड इंजीनियर से लाखों की ठगी कर ली गई. पीड़ित को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर डराया धमकाया और 33 लाख 35 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए. इस मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने इस गैंग से जुड़े दो आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है, जबकि इसका सरगना अब भी फरार है. दरअसल, 11 सितंबर को रिटायर्ड इंजीनियर आरके गोयल ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ लोगों ने खुद को कभी ईडी अफसर, कभी सीबीआई अफसर और कभी न्यायिक अधिकारी बताकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया. आरोपियों ने कहा कि उनके खिलाफ बड़े स्तर पर धोखाधड़ी और वित्तीय गड़बड़ी की शिकायतें दर्ज हैं, जिन्हें वापस लेने के लिए उन्हें मोटी रकम चुकानी होगी. इस दबाव में पीड़ित रिटायर्ड इंजीनियर से 77 अलग-अलग बैंक खातों के जरिए 33 लाख 35 हजार रुपये ठग लिए गए.

शिकायत के आधार पर एसएसपी मुजफ्फरनगर संजय कुमार वर्मा ने जांच एसपी क्राइम इंदु सिद्धार्थ को सौंपी. इसके बाद साइबर क्राइम थाना पुलिस ने सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद ऋषिकेश के रहने वाले निखिल गोयल और छत्तीसगढ़ के रहने वाले हरप्रीत उर्फ हर्ष को गिरफ्तार किया. पुलिस जांच में सामने आया कि इस ठगी नेटवर्क का संचालन राजू नाम का आरोपी करता है, जो अभी फरार है. यही इस पूरे गैंग का सरगना है और उसकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है. एसएसपी का कहना है कि ठगे गए पैसे पहले 72 बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए और फिर उन्हें छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड जैसे राज्यों के बैंक खातों से निकाला गया. यह बात भी सामने आई कि इस गैंग का नेटवर्क विदेश तक फैला हुआ है और कंबोडिया से भी इसके कनेक्शन मिले हैं.

जांच में पुलिस को यह भी पता चला है कि अब तक इस गिरोह ने 44 मामलों में 46 करोड़ 55 लाख रुपये की ठगी की है. पुलिस गिरफ्त में आए आरोपियों में से एक एमबीए पास है, जबकि दूसरा इंटरमीडिएट तक पढ़ा है. पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि रिटायर्ड इंजीनियर ने शिकायत की थी कि उनको डिजिटल अरेस्ट कर ठगों ने धमकाया था. ठगों ने पहले ईडी, फिर सीबीआई अफसर, उसके बाद न्यायालय का अधिकारी बनकर तमाम कागजात दिखाए और कहा कि हम आपकी कंप्लेंट वापस ले लेंगे. आपने बहुत फ्रॉड कर रखा है अपनी लाइफ में. आपने बहुत पैसे इधर-उधर कर रखे हैं, लेनदेन कर रखा है. यह कहकर 33 लाख 35 हजार रुपये ठग लिए.

इस शिकायत में जो आईपी एड्रेस निकाला, वह कंबोडिया का पाया गया है. यहां राजू नाम के आरोपी की पहचान हुई है, जिसके 72 खातों में पैसे गए हैं. उनमें एक खाता जो ऋषिकेश में एटीएम के माध्यम से विड्रॉल किया जा रहा था, उसमें दो लोग पकड़े गए हैं. इनमें निखिल गोयल और हरप्रीत सिंह उर्फ हर्ष गिरफ्तार हुए हैं. हरप्रीत सिंह जगदलपुर बस्तर का रहने वाला है. वहीं निखिल गोयल ऋषिकेश देहरादून का रहने वाला है. एक की उम्र 32 तो दूसरे की उम्र 24 वर्ष है. एक एमबीए तक पढ़ा है और एक इंटर पास है. यह एटीएम से जब पैसे निकाल रहे थे, तभी स्कूटी से हम लोग उनके एड्रेस तक पहुंचे और अरेस्ट कर लिया. गिरफ्तारी के बाद जब पूछताछ की गई तो उन्होंने स्वीकार किया है कि इनका इस मामले से कनेक्शन है. एक लाख रुपये बरामद किए गए हैं. इन आरोपियों के पास 39 सिम कार्ड, 21 एटीएम कार्ड, 13 मोबाइल, 15 पासबुक, तीन चेकबुक, दो नोटबुक, एक वाई-फाई राउटर, एक केबल, एक स्कूटी और एक लाख रुपये बरामद हुए हैं. इनके द्वारा जिन खातों का इस्तेमाल किया जाता है, उसको लेकर 44 शिकायतें मिली हैं, उसमें से लगभग 46 करोड़ 55 लाख रुपये का फ्रॉड मिला है.

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