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यूपी डेस्क: माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद को नैनी सेंट्रल जेल से झांसी जेल शिफ्ट किए जाने के दौरान मीडिया से बातचीत करना महंगा पड़ गया है. अली की बयानबाजी को गंभीर सुरक्षा चूक मानते हुए पुलिस विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. सुरक्षा में तैनात सब इंस्पेक्टर अशोक कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है. एडिशनल पुलिस कमिश्नर डॉक्टर अजय पाल शर्मा ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि घटना के दौरान सुरक्षा टीम की जिम्मेदारी पुलिस लाइन में तैनात इंस्पेक्टर अशोक कुमार जय के पास थी. जांच में पाया गया कि मीडिया से अली की बातचीत और वीडियो रिकॉर्डिंग सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन था. अब सुरक्षा में तैनात अन्य पुलिसकर्मियों के भी बयान दर्ज किए जा रहे हैं.
गौरतलब है कि अली अहमद को एक अक्टूबर को नैनी सेंट्रल जेल से झांसी जेल में शिफ्ट किया गया था. उस दौरान जेल से बाहर निकलते समय अली ने मीडिया कर्मियों से खुलकर बात की थी. उसने कहा था, ‘मेरा अल्लाह जानता है कि मैं यहां सुरक्षित रहूंगा या नहीं. मुख्यमंत्री जी से कहना है कि जो होना था, वो हो गया. अब हमें बचा लीजिए और बेवजह सताया न जाए.’ अली के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. इसके बाद झांसी जेल पहुंचने पर भी एक और वीडियो सामने आया, जिसमें अली को जेल परिसर के अंदर मोबाइल कैमरे से रिकॉर्ड किया गया था. जेल मैनुअल के अनुसार, मोबाइल फोन लेकर जेल परिसर में प्रवेश करना सख्त प्रतिबंधित है. इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए. अली अहमद अतीक अहमद का दूसरा बेटा है, उसने 30 जुलाई 2022 को प्रयागराज की अदालत में सरेंडर किया था. उस पर पांच करोड़ की रंगदारी मांगने का मामला दर्ज है. तब से वह नैनी सेंट्रल जेल में बंद था. अब मीडिया से बातचीत और जेल वीडियो प्रकरण के बाद प्रशासन ने जिम्मेदार पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है ताकि भविष्य में इस तरह की सुरक्षा चूक दोबारा न हो.