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यूपी डेस्क: दिल्ली में हुए धमाके के बाद जांच एजेंसियों की नजर अब उत्तर प्रदेश पर भी टिक गई है. आतंकी नेटवर्क के तार लखनऊ और लखीमपुर तक जुड़ते दिखाई दे रहे हैं. अहमदाबाद से गिरफ्तार तीन संदिग्धों में एक लखीमपुर के निघासन इलाके का रहने वाला है, जबकि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लखनऊ की रहने वाली महिला डॉक्टर को गिरफ्तार किया है. दोनों मामलों के बीच मिली कड़ियों ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है. बीते रविवार को गुजरात एटीएस ने अहमदाबाद से आईएसकेपी मॉड्यूल से जुड़े तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया. इनमें से एक आरोपी मोहम्मद सोहेल, लखीमपुर खीरी जिले के निघासन तहसील के सिंगाही थाना क्षेत्र के झाला गांव का रहने वाला है. सोहेल के परिवार के मुताबिक, वह तीन साल पहले मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना कस्बे में जामिया दारुल उलूम अजीजिया नामक मदरसे में हाफिज की पढ़ाई करने गया था.
सोहेल का परिवार गरीब है. पिता सलीम ट्रैक्टर मैकेनिक हैं. घर में मां रुखसाना, छोटे भाई वसीम और बड़े भाई की पत्नी रहती हैं. बड़ा भाई सुम्मी तमिलनाडु में कपड़ा फैक्ट्री में काम करता है. तीन साल पहले सोहेल के एक भाई की करंट लगने से मौत हो चुकी है. परिवार ने बताया कि सोहेल आखिरी बार जून महीने में घर आया था और कुछ दिन रुकने के बाद जुलाई में वापस पढ़ाई के लिए गया था. तब से वह वहीं रह रहा था. परिवार का कहना है कि बेटे ने एक सप्ताह पहले फोन पर बताया था कि वह गुजरात किसी काम से जा रहा है. उन्होंने कहा कि सोहेल फरवरी में पढ़ाई पूरी कर रमजान से पहले घर लौटने वाला था. गुजरात एटीएस ने जिस मॉड्यूल को पकड़ा है, उसमें लखीमपुर के सोहेल के साथ शामली जिले के चरन गांव का सुलेमान शेख भी शामिल है. सुलेमान भी मुजफ्फरनगर के उसी मदरसे में पढ़ाई कर रहा था, जहां से सोहेल पढ़ रहा था. दोनों की मुलाकात वहीं हुई और धीरे-धीरे दोस्ती बढ़ी. जांच एजेंसियों को शक है कि इन्हीं दोनों के जरिए अहमदाबाद में सक्रिय मॉड्यूल को यूपी से संपर्क मिला.
उधर, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लखनऊ के लालबाग इलाके की रहने वाली डॉक्टर शाहीन शाहिद को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक शाहीन की कार का इस्तेमाल डॉ. मुजामिल नाम के व्यक्ति द्वारा किया जाता था. इसी कार से राइफल और जिंदा कारतूस बरामद किए गए. यह वही कार थी, जो हाल ही में श्रीनगर में एक संदिग्ध ठिकाने से जब्त की गई थी. पुलिस सूत्रों के अनुसार, मुजामिल लंबे समय से आतंकवादी संगठनों के संपर्क में था और कई बार लखनऊ आया भी था. कार में बरामद हथियारों के बाद जब वाहन का रजिस्ट्रेशन जांचा गया तो उसका नाम डॉक्टर शाहीन के नाम पर निकला. जांच में सामने आया कि शाहीन और मुजामिल एक-दूसरे को जानते थे और कई बार एक साथ देखे गए थे. जम्मू-कश्मीर पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या शाहीन को इस बात की जानकारी थी कि उसकी कार का इस्तेमाल हथियार लाने-लेजाने में हो रहा है या नहीं.
जांच एजेंसियों का मानना है कि हाल के महीनों में उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों से आतंकी संगठनों ने अपनी जड़ें फैलाने की कोशिश की है. सीमावर्ती जिलों जैसे लखीमपुर, सिद्धार्थनगर और श्रावस्ती पर विशेष नजर रखी जा रही है. सूत्रों का कहना है कि इन इलाकों में कुछ कट्टरपंथी तत्व युवाओं को बरगलाकर ऑनलाइन माध्यम से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. घर के बाहर एक छोटी सी दुकान पर तस्बीह, टोपी और धार्मिक किताबें रखी थीं. अंदर बीमार पिता सलीम और मां रुखसाना बैठे मिले. दोनों के चेहरे पर चिंता साफ दिख रही थी. रुखसाना ने बताया, बेटा पढ़ने गया था, कभी किसी गलत रास्ते पर नहीं गया. उसने एक हफ्ता पहले ही फोन किया था कि पैसे भेज दो, सर्दी के कपड़े लेने हैं. वह फरवरी में वापस आने वाला था. हमें समझ नहीं आ रहा कि वह अहमदाबाद कैसे पहुंच गया. परिवार का कहना है कि बेटे को किसी साजिश के तहत फंसाया गया है. सलीम ने कहा, हमारा बेटा दोस्ती-यारी में फंस गया है, वह आतंकी नहीं हो सकता. दिल्ली धमाके के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण से घटना की जानकारी ली और पूरे प्रदेश को हाई अलर्ट पर रखने के आदेश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसी भी स्थिति में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सभी जिलों में संवेदनशील इलाकों की निगरानी बढ़ाई जाए, और पुलिस अधिकारी खुद फील्ड में रहकर जांच और पेट्रोलिंग करें. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद डीजीपी ने सभी जिलों को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है: