Fourth Pillar Live
यूपी डेस्क: ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी के पर्व पर शुक्रवार को राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की मूर्ति को यथास्थान पर स्थापित कर दिया गया है। हालांकि यहां अवशेष कार्य अभी चल रहे हैं। मंदिर निर्माण एजेंसी एलएण्डटी के परियोजना निदेशक वीके मेहता ने कहा कि शनिवार तक काम पूरा कर लिया जाएगा। राम दरबार की इस मूर्ति को जयपुर से लाया गया है, जो कि सुबह छह बजे क्रासिंग थ्री से श्रीरामजन्मभूमि परिसर में दाखिल हो गया। इसके बाद मूर्ति को ट्रेलर से सीधे क्रेन टावर के जरिए ऊपर उठाकर प्रथम तल पर ले जाया गया और गर्भगृह में पूर्व निर्धारित आसन पर स्थापित कर दिया गया।
इसी तरह से परकोटा के दक्षिण-पश्चिम में निर्मित शिवालय में भगवान नर्वदेश्वर को भी यथास्थान पर स्थापित कर दिया गया है। राम दरबार समेत परकोटा के छह मंदिरों व सप्त मंडपम के सातों मंदिरों में मूर्तियों की स्थापना के बाद प्राण प्रतिष्ठा का तीन दिवसीय अनुष्ठान तीन जून से शुरू होगा और इस दौरान मूर्तियों का अलग-अलग अधिवास कराकर उनमें वैदिक मंत्रों से प्राणों का आधान गंगा दशहरा के पर्व पर पांच जून को निर्धारित मुहूर्त में किया जाएगा। इसी के साथ प्रथम तल से लेकर शिखर तक का सम्पूर्ण कार्य पांच जून तक पूरा हो जाएगा। इसके उपरांत राम मंदिर के चारों ओर लगे क्रेन टावरों को हटा लिया जाएगा। इसके साथ ही राम मंदिर निर्माण का ऐतिहासिक चरण पूरा हो जाएगा। इसके समानांतर द्वितीय चरण में श्रीरामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन कार्य चलता रहेगा जो कि दिसम्बर 2025 में पूरा हो जाएगा।
राम मंदिर में दूसरी प्राण-प्रतिष्ठा के दृष्टिगत निरीक्षण व निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा दूसरे दिन भी जारी रही। भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र बैठक की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में निर्माण एजेंसियों ने बताया कि सभी लक्षित कार्य निर्धारित समय में पूरा हो जाएगा। समिति चेयरमैन मिश्र ने मीडिया से बातचीत में बताया राम मंदिर के शिखर व आमलक सहित परकोटा के सभी मंदिरों के शिखरों को स्वर्ण मंडित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए कारीगरों की टीम यहां पहुंच गई है। यह काम शुक्रवार से शुरू कर दिया गया है जो कि तीन जून से पहले पूरा हो जाएगा।