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यूपी डेस्क: नरपिशाच और सीरियल किलर राजा कोलंदर उर्फ राम निरंजन को शुक्रवार को एक और मामले में उम्रकैद की सजा सुना दी गई। लखनऊ से किराए पर टाटा सूमो बुक कराकर चालक तथा गाड़ी मालिक के बेटे की हत्या कर टाटा सूमो लूटने के मामले में प्रयागराज के नैनी के राजा कोलंदर और शंकरगढ़ थाने के वेरी बसहरा निवासी बच्छराज कोल को आयुर्वेद घोटाला प्रकरण के विशेष न्यायाधीश रोहित सिंह ने आजीवन कारावास तथा ढाई-ढाई लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने की 40 फीसदी धनराशि मृतकों के परिजनों को बतौर प्रतिकर दी जाएगी। शेष धनराशि राज्य सरकार को उचित व्यय चुकाने के लिए दी जाएगी। दो दशक पहले राजा कोलंदर दहशत का पर्याय था। उसकी दरिंदगी पर नेटफिलिक्स पर डाक्यूमेंट्री तक बन चुकी है। इसके पिपर फार्म हाउस से बड़ी संख्या में नरमुंड बरामद हुए थे।
अभियोजन की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता एमके सिंह एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि इस दोहरे हत्याकांड की रिपोर्ट शिवहर्ष सिंह ने 26 जनवरी 2000 को नाका थाने में दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के मुताबिक शिवहर्ष सिंह की टाटा सूमो लखनऊ से इलाहाबाद के बीच चलती थी। 23 जनवरी को उनका बेटा मनोज कुमार सिंह तथा चालक रवि श्रीवास्तव उर्फ गुड्डू कानपुर रोड से 6 सवारियों को लेकर चाकघाट रींवा मध्य प्रदेश के लिए गए थे।
ये लोग रास्ते में हरचंदपुर में शिवहर्ष के घर रुके और खाना खाया। वहां पर शिवहर्ष एवं उसके भाई शिव शंकर ने सवारियों को अच्छी तरह से पहचाना था। जब उसकी टाटा सूमो गाड़ी वापस नहीं आई तो उन्हें किसी अनहोनी की आशंका हुई। अदालत को बताया गया कि जब पुलिस गाड़ी की तलाश कर रही थी तो सूचना मिली कि ग्राम गढ़वा के वन विभाग की जमीन पर गिट्टी के चट्टे के पास दो लाशें पड़ी हुई हैं। सूचना पर शिवहर्ष और उनके परिवार के लोग पहुंचे और पहचान की।
एमके सिंह के मुताबिक पुलिस विवेचना के दौरान अभियुक्त राजा कलंदर उर्फ और राम निरंजन, फूलन देवी एवं उसके नाबालिग बेटे बच्छराज कोल, दिलीप गुप्ता एवं दद्दन सिंह का नाम आया था। इसमें से दिलीप गुप्ता की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। अदालत को यह भी बताया गया कि सबसे पहले आरोपित राजा कलंदर व बच्छराज को गिरफ्तार किया गया तथा उन्हें इलाहाबाद के कीडगंज लाया गया तो उन्हें शिवहर्ष व उनके परिवार ने पहचाना। राजा कलंदर के घर से पुलिस ने मृतक मनोज कुमार सिंह का कोट बरामद किया था। अदालत को बताया गया कि सबसे पहले फूलन देवी एवं उसके नाबालिग बेटे के खिलाफ मुकदमा चला। बेटे का मामला जुवेनाइल कोर्ट भेज दिया गया तथा फूलन देवी को अदालत ने 8 जुलाई 2013 को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इस मामले में मुकदमे की विचरण के दौरान आरोपी दद्दन सिंह की मृत्यु हो गई।