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यूपी डेस्क: सोलर ऊर्जा के कल पुर्जे बनाने की इकाई को प्रदेश में लगाने के लिए आईएएस अधिकारी के लिए कथित रिश्वत लेने तथा भ्रष्टाचार करने के आरोपित निकांत जैन की जमानत मंजूर करते हुए भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र सिंह ने दो दो लाख की जमानत और दो लाख का व्यक्तिगत मुचलका दाखिल करने पर जेल से रिहा करने का आदेश दिया है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक निकांत जैन पर आरोप है कि विश्वजीत दत्ता की सौर ऊर्जा के कलपुर्जे बाने की इकाई प्रदेश में लगाने के लिए एक आईएएस के नाम पर एक करोड़ की रिश्वत ली थी। इस मामले का खुलासा होने पर पुलिस ने निकांत जैन को 20 मार्च को गिरफ्तार करके जेल भेजा था।
जबकि निकांत जैन के वकील ने जमानत अर्जी पर बहस करते हुए कहा कि आरोपी लोकसेवक नहीं है, लिहाजा उसके खिलाफ पीसी एक्ट की धारा नहीं लग सकती। आगे कहा गया की निकांत जैन के खिलाफ पुलिस के पास कोई सबूत नहीं मिले है। निकांत की इस घटना में कोई संलिप्तता नहीं है और उसके पास से कथित रिश्वत की कोई रकम बरामद भी नहीं हुई है। पक्षकारों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी निकान्त जैन को जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया है।
निकांत पर IAS अभिषेक प्रकाश के लिए सौर ऊर्जा संयंत्र प्रोजेक्ट में 5% कमीशन मांगने का आरोप था। बीते 20 मार्च को लखनऊ पुलिस ने गोमती नगर से निकांत को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद यूपी इन्वेस्ट के सीईओ अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया गया था। मामले की जांच के लिए SIT गठित की गई, जिसने निकांत के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। FIR के अनुसार, निकांत ने SAEL सोलर P6 प्राइवेट लिमिटेड से प्रोजेक्ट स्वीकृति के लिए रिश्वत मांगी थी. जांच में अभिषेक प्रकाश का नाम भी सामने आया, जिसके बाद उनकी मुश्किलें बढ़ीं. निकांत की जमानत से इस हाई-प्रोफाइल मामले में नया मोड़ आ सकता है।