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नई दिल्ली डेस्क: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़े अवैध हथियार और नकली करेंसी तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया है. इस ऑपरेशन में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक पूर्व रेलवे कर्मचारी भी शामिल है. पकड़े गए आरोपियों के पास से 10 पिस्टल, 68 कारतूस, 4.10 लाख मूल्य की नकली करेंसी, और तीन वाहन, जिनमें एक बुलेटप्रूफ SUV भी है, बरामद की गई है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक स्पेशल सेल के डीसीपी अमित कौशिक ने जानकारी देते हुए बताया कि इस गिरोह के सरगना शम्सु खान उर्फ रेहान हैं, जो पहले से ही एक हथियार तस्करी मामले में वांछित था. गिरफ्तार अन्य आरोपियों में रवि ठाकुर (35), योगेश फोगाट (28), मीरा (27), और कुलदीप उर्फ छोटू (33) शामिल है. कुलदीप पहले भारतीय रेलवे में ग्रुप D कर्मचारी रह चुका है लेकिन 2022 से ड्यूटी से अनुपस्थित था और अब गैंग में शामिल हो गया.
रवि ठाकुर की गिरफ्तारी 6 जुलाई को दिल्ली में एक ट्रांजिट प्वाइंट से हुई, जिसके पास से 5 पिस्टल और 10 कारतूस बरामद हुए है. पूछताछ में उसने बताया कि वह मध्य प्रदेश से हथियार लाकर 5,000 प्रति पिस्टल के हिसाब से सप्लाई करता था. इसी कड़ी में योगेश फोगाट की गिरफ्तारी हुई जो हथियारों की फंडिंग करता था. इसके बाद कुलदीप की गिरफ्तारी हुई, जिसके पास एक पिस्टल और 35 कारतूस मिले. कुलदीप पहले रेलवे में कार्यरत था लेकिन आर्थिक विवाद के बाद ड्यूटी पर नहीं लौटा और तस्करी से जुड़ गया. 24 जुलाई को मीरा की गिरफ्तारी मथुरा से हुई. वह शम्सु खान की करीबी थी और दिल्ली, हरियाणा, पंजाब तथा मुंबई तक हथियारों की सप्लाई करती थी.
मीरा की निशानदेही पर पुलिस ने 25 जुलाई को गिरोह के मास्टरमाइंड शम्सु खान को फिरोजाबाद से गिरफ्तार किया. उसके घर से तीन पिस्टल, 28 कारतूस और 4.10 लाख की नकली करेंसी बरामद हुई. पुलिस का कहना है कि यह गिरोह सोशल मीडिया पर कोडेड मैसेजिंग के ज़रिए संचालन करता था और नकली करेंसी सिवान (बिहार) से मंगवाई जाती थी. अभी गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश और सप्लाई चेन की जांच जारी है.