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यूपी डेस्क: फतेहपुर में विवादित मकबरे को लेकर हुए बवाल की रिपोर्ट डीजीपी मुख्यालय को सौंप दी गई है। परीक्षण के बाद रिपोर्ट गृह विभाग को भेजी जाएगी। इसके बाद दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर होगा। सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट में हिंदूवादी संगठनों, स्थानीय नेताओं के साथ प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों की लापरवाही का जिक्र है।
बता दें, शासन ने मकबरे में 11 अगस्त को हुए बवाल के मामले की जांच का जिम्मा प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत और आईजी रेंज प्रयागराज अजय मिश्रा को सौंपा था। दोनों ने करीब छह दिन तक घटनास्थल का मौका मुआयना करने के साथ सभी पक्षों और अधिकारियों के बयान दर्ज किए, जिसके बाद 80 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है। सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में मकबरा की जमीन गाटा संख्या 753 का जिक्र कर राष्ट्रीय संपत्ति बताया गया है। इसका मालिकाना हक उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में दर्ज होने का उल्लेख है।
रिपोर्ट में गाटा संख्या 1159 का भी जिक्र है जिसके छठवें नंबर पर ठाकुर जी विराजमान मंदिर का ब्योरा दर्ज है। रिपोर्ट में इसे लेकर विवाद होने का उल्लेख भी किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछली सरकारों द्वारा इस मामले में कोर्ट के किसी भी फैसले के खिलाफ अपील नहीं की। वहीं 11 अगस्त को डाक बंगले से लेकर मकबरे तक पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश नहीं की। विवाद की जानकारी के बावजूद दोनों पक्षों से बातचीत कर मामला सुलझाया नहीं गया। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी बवाल होने के बाद काफी देर बाद मौके पर पहुंचे थे।