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नई दिल्ली डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा लोकसभा में 130वां संविधान संशोधन विधेयक पेश करने के बाद इस पर राजनीति भी गरम है. पीएम-सीएम बर्खास्तगी वाले बिल को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) समेत विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं. AAP के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने बीजेपी और अमित शाह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार गिराने के लिए फर्जी केस बनाए गए थे. आप नेताओं का कहना है कि यह बीजेपी की साजिश थी ताकि दिल्ली में चुनी हुई सरकार को हटाया जा सके. अनुराग ढांडा ने कहा, आज दिल्ली की स्थिति बेहद खराब है. सीवर का पानी सड़कों पर बह रहा है, प्राइवेट स्कूलों की फीस लगातार बढ़ रही है, बसों में मार्शल नहीं हैं, बिजली कटौती और पानी की किल्लत हर कॉलोनी में बनी हुई है. पार्टी नेताओं का आरोप है कि रेखा गुप्ता जेल में नहीं हैं, फिर भी समस्याएं जस की तस हैं. लोग अब जेल से चल रही केजरीवाल सरकार को याद कर रहे हैं, क्योंकि वह मौजूदा सरकार से कहीं बेहतर थी.
अनुराग ढांडा ने आरोप लगाया कि अमित शाह के बयान से साफ हो गया है कि बीजेपी का लक्ष्य अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा देने पर मजबूर करना था ताकि उनकी सरकार गिर जाए. आप नेताओं ने कहा कि सत्येंद्र जैन को दो ढाई साल जेल में रखने के बावजूद सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट में माना कि कोई सबूत नहीं है. इससे साबित होता है कि यह पूरा षड्यंत्र था. आप ने कहा कि बीजेपी अब ऐसा कानून लाने की तैयारी कर रही है, जिसके जरिए वह लोगों के काम करने वाली सरकारों को गिराकर अपनी मनमानी से तानाशाही लागू कर सके. बीजेपी चाहती है कि जिसके चाहें मुख्यमंत्री बनाए और जिसे चाहें हटा दे.
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए अमित शाह से सवाल पूछे हैं. केजरीवाल ने लिखा, ‘जो व्यक्ति गंभीर गुनाहों के मुज़रिमों को अपनी पार्टी में शामिल करके उनके सारे केस रफ़ा दफ़ा करके उन्हें मंत्री, उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री बना देता है, क्या ऐसे मंत्री/प्रधान मंत्री को भी अपना पद छोड़ना चाहिए? ऐसे व्यक्ति को कितने साल की जेल होनी चाहिए?’ उन्होंने आगे कहा, ‘अगर किसी पर झूठा केस लगाकर उसे जेल में डाला जाए और बाद में वो दोषमुक्त हो जाए, तो उस पर झूठा केस लगाने वाले मंत्री को कितने साल की जेल होनी चाहिए?’