महंगे टोल को लेकर लोगों में आक्रोश, 10 KM के सफर के लिए देने पड़ रहे 235 रुपये

Fourth Pillar Live

एनसीआर डेस्क: दिल्ली में यूईआर-2 पर बने दिल्ली के पहले और सबसे महंगे टोल को लेकर लोगों में राेष बढ़ता जा रहा है। यूईआर-2 को शुरू हुए 11 दिन हो गए हैं, लेकिन आसपास के दर्जनों गांवों के लोग मुंडका-बक्करवाला टोल प्लाजा के कारण इस मार्ग को इस्तेमाल करने से कतरा रहे हैं। बहुत ज्यादा जरूरी कार्य होने पर ही यूईआर-2 का प्रयोग कर रहे हैं। टोल से बचने के लिए लोग गांवों के संपर्क मार्ग का इस्तेमाल करने लगे हैं।

यही कारण है कि यूईआर-2 के आसपास के गांवों के संपर्क मार्गों पर वाहनों जमावड़ा देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि पांच-सात किलोमीटर की दूरी नापने के लिए 235 रुपये देने पड़ रहे हैं, इस खर्च को वहन करने के लिए यह क्षेत्र की जनता तैयार नहीं है। मुंडका-बक्करवाला टोल को लेकर क्षेत्र के लोगों के दिमाग में क्या चल रहा है, यह समझने के लिए रानीखेड़ा गांव के मनोज माथुर की बात पर गौर कीजिए। मनोज बताते हैं कि मुझे अपने काम के सिलसिले में अक्सर द्वारका जाना पड़ता है। मेरे गांव से द्वारका की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है। अभी तक में हिरण कूदना के रास्ते से द्वारका होकर गुजरता था। अगर मैं यूईआर 2 से जाना चाहूं तो मुझे एक तरफ के लिए 235 और जाना-जाना है तो 350 रुपये टोल देना पड़ेगा।

मनोज माथुर जैसे बहुत लोग हैं, जो चाह कर भी यूईआर-2 का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। द्वारका तक पहुंचने के लिए मनोज माथुर जैसी परेशानी मुंडका, मदनपुर डबास, रानीखेड़ा, रसूलपुर, मजरी, बक्करवाला, हिरण कूदना आदि गांवों में रहने वाले लोगों की भी है। इनमें से कई गांव के लोगों को पांच से लेकर 10 किलोमीटर नापने पर टोल देने होगा। इन गांवों के लोगों को अपने रोजमर्रा के कार्यों के लिए अक्सर द्वारका, नजफगढ़ मंडी व कापसहेड़ा स्थित डीएम ऑफिस जाना होता है।

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