दिल्ली में बाढ़ का कहर, सचिवालय तक पहुंचा बाढ़ का पानी, बढ़ी दिल्ली की धड़कन

Fourth Pillar Live

नई दिल्ली डेस्क: दिल्ली में यमुना का पानी लगातार बढ़ता जा रहा है और हालात बेकाबू होते दिख रहे हैं. बुधवार देर शाम हालात और बिगड़ गए जब निगमबोध घाट परिसर की एक दीवार ढह गई. दीवार टूटते ही बाढ़ का पानी तेजी से भीतर घुस गया, जिसके बाद इस ऐतिहासिक घाट को पूरी तरह बंद करना पड़ा. निगमबोध घाट, जो दिल्ली का सबसे पुराना और सबसे व्यस्त श्मशान स्थल है, अब बाढ़ की मार झेल रहा है. दरअसल, दिन में ही घाट के भीतर पानी घुसने से दाह संस्कार की प्रक्रिया रोकनी पड़ी थी. अब दीवार टूटने के बाद स्थिति और गंभीर हो गई है. अधिकारियों का कहना है कि घाट के भीतर पहले से ही पानी भर चुका था, और सुरक्षा कारणों से इसे बंद करना मजबूरी हो गया.

इसी बीच, यमुना के उफान का असर दिल्ली सचिवालय की ओर जाने वाले मार्ग पर भी पड़ा है. सचिवालय जाने वाला एक रास्ता बंद कर दिया गया है क्योंकि वहां पानी का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है. ट्रैफिक पुलिस ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि Outer Ring Road और उसके आसपास के इलाकों में भारी जाम की आशंका है. बता दें कि दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात साल 2023 की भी याद दिला रहे हैं, जब यमुना 208.66 मीटर तक पहुंच गई थी और हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा था. इस बार भी पानी का स्तर 207 मीटर के पार चला गया है और राहत-बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं. फिलहाल प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 38 राहत कैंप बनाए हैं और हजारों लोग सुरक्षित ठिकानों पर शिफ्ट किए जा चुके हैं. वहीं, निगमबोध घाट के बंद होने से राजधानी में अंतिम संस्कार की व्यवस्था पर दबाव बढ़ गया है. सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग हालात पर लगातार नजर रखे हुए हैं. अधिकारियों का कहना है कि अगर जलस्तर और बढ़ा तो राजधानी में हालात और बिगड़ सकते हैं.

दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक को लेकर अलर्ट भी जारी किया है. आउटर रिंग रोड पर मजनूं का टीला से सलीमगढ़ बायपास तक यातायात प्रभावित है. कई जगह डायवर्जन लगाए गए हैं. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने और निर्देशों का पालन करने की अपील की है. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में ऊपरी राज्यों में भारी बारिश हुई है, जिससे यमुना में पानी का प्रवाह तेजी से बढ़ा है. मौसम विभाग ने भी अगले दो दिनों तक बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. यमुना बाजार इलाके में लगाए गए राहत शिविरों में पानी घुस गया है. जिन लोगों को पहले बाढ़ प्रभावित इलाकों से यहां लाया गया था, उन्हें अब दूसरी सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है. प्रशासन ने पूरे इलाके को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. दिल्ली सरकार ने कहा है कि यमुना के किनारे बसे इलाकों से लोगों को शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है. बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे काम कर रहा है और हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं. बाढ़ की स्थिति के बीच बुधवार को दिल्ली के PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने आईटीओ बैराज का दौरा किया. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में 2023 वाले हालात नहीं होंगे. लोगों ने यमुना के बीच घर बना लिए है. उनको कई बार वहां से जाने के लिए बोला जाता है, लेकिन लोग नहीं जाते जो लोग यमुना बेल्ट पर रह रहे हैं, उनको रेस्क्यू करके स्कूलों में बनाए कैंप में भेजा जा रहा है.

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