Fourth Pillar Live
नई दिल्ली डेस्क: दिल्ली में बच्चों की तस्करी का बड़ा रैकेट पकड़ा गया है. दक्षिण पूर्वी जिले की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने इस मामले में अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और 5 बच्चों को सुरक्षित बरामद किया. यह गिरोह पिछले तीन साल से सक्रिय था और अब तक कई बच्चों को लाखों रुपये में बेच चुका था. 22 अगस्त 2025 को यूपी के बांदा निवासी सुरेश अपने परिवार के साथ आईएसबीटी सराय काले खां बस अड्डे पर रुके थे. रात करीब 11 बजे उनका छह महीने का बेटा अचानक गायब हो गया. सुरेश की शिकायत पर थाना सनलाइट कॉलोनी में केस दर्ज किया गया और तुरंत जांच शुरू हुई.
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से सबसे पहले आरोपी वीरभान और उसके ससुर कालीचरण को यूपी के फतेहाबाद से गिरफ्तार किया. पूछताछ में दोनों ने खुलासा किया कि बच्चे को डॉक्टर कमलेश को बेच दिया गया है. पुलिस ने मरीज बनकर अस्पताल पहुंचकर कमलेश को दबोच लिया. कमलेश ने बताया कि उसने बच्चा सुंदर नाम के व्यक्ति को बेचा है. सुंदर को यूपी-राजस्थान बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया. उसकी जानकारी पर आगरा में छापा मारकर कृष्णा शर्मा और प्रीति शर्मा को पकड़ा गया और बच्चा उनके घर से बरामद कर लिया गया.
जांच में सामने आया कि गिरोह बच्चों को डेढ़ लाख से सात लाख रुपये तक की कीमत पर बेचता था. फर्जी दस्तावेज बनाकर गोद लेने का नाटक किया जाता था. कुछ मामलों में आरोपियों ने अपने ही बच्चों को भी बेच दिया. पुलिस ने अब तक डॉक्टर, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, बिचौलियों और दंपत्ति समेत 10 लोगों को पकड़ा है. अधिकारियों का कहना है कि गिरोह कई राज्यों में फैला हुआ है और आगे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.