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यूपी डेस्क: यूपी में मौसम का उतार-चढ़ाव बना हुआ है। प्रदेश में एक बार फिर मानसून सुस्त पड़ गया है। इस बीच मौसम विभाग ने कहा है कि इस हफ्ते मौसम में अनिश्चितता बनी रहेगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश में 11,12 और 15 सितंबर को हल्की बारिश हो सकती है। वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 12 सितंबर को बारिश की संभावना है। 14 सितंबर से मानसून की वापसी संभावित है। सीएसए के मौसम विज्ञानी डॉ. नौशाद खान का कहना है कि अगले पांच दिवसों में हल्के से मध्यम बादल छाए रहेंगे लेकिन बारिश की कोई संभावना नहीं है।
उधर, राजस्थान से अचानक ऊपर उठी टर्फ लाइन उरई पहुंची तो उसने बिना किसी पूर्वानुमान 48 घंटे में कानपुर में 63 मिमी से अधिक बारिश करा दी। सितंबर महीने के पहले तीन दिन 40.6 मिमी बारिश हो चुकी है। अब तक 103 मिमी से अधिक बारिश होने के बावजूद उमस बनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल छिटपुट बारिश जारी रहेगी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार और सोमवार के लिए शुरुआती अलर्ट जारी नहीं किया था। लेकिन, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में भारी बारिश के बीच अचानक टर्फ लाइन राजस्थान से ऊपर की ओर उठ गई। ऐसे में यह उरई से गुजरी जिससे कानपुर और आसपास खूब बारिश हुई। यह टर्फ लाइन लंबे समय तक उरई पर ठहर नहीं पाई। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (सीएसए) के मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, 08 सितंबर को 18.8 और 09 सितंबर को 44.4 मिमी (सुबह 8:30 बजे से अगले दिन सुबह 08:30 बजे तक) बारिश दर्ज की गई। ऐसे में कानपुर में अब तक 103 मिमी से अधिक वर्षा अब तक पांच दिनों में दर्ज हो चुका है। बारिश हो जाने के बाद भी उमस में कोई कमी नहीं आई है। हालांकि, रात के मौसम में बदलाव शुरू हो गया है।
उधर, गंगा-यमुना में बाढ़ का पानी अब उतार पर है, लेकिन अब भी खतरे के निशान से ऊपर है। इससे प्रभावित हिस्सों में दहशत बरकरार है। नदियों में अब डिस्चार्ज पानी की मात्रा भी कम हो गई है। वहीं मथुरा में बाढ़ के चलते 12वीं तक के स्कूलों को बुधवार के लिए भी बंद कर दिया गया है। आगरा में यमुना का जलस्तर 501.3 फीट पर जाकर बंद हुआ, जो खतरे के निशान से दो फीट से भी ऊपर है। इसके चलते बेलनगंज बाजार तक पानी पहुंच गया। व्यापारी परेशान हो गए। दयालबाग में अब भी पानी भरने से लोगों का पलायन जारी है। बाढ़ के चलते बल्केश्वर घाट, यमुना आरती बंद कर दी गई है। उधर गोकुल बैराज से डिस्चार्ज कम होने से दो दिन बाद राहत मिलने के आसार हैं। कासगंज में भी गंगा उतार पर है, लेकिन तटीय गांवों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। इससे हालात अब भी बदतर हैं। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार सक्रिय रहकर राहत पहुंचा रही हैं। मथुरा में यमुना का जलस्तर 167.67 मीटर से 29 सेंटीमीटर नीचे उतर गया है। हालांकि अब भी ये खतरे के निशान से 1.38 मीटर ऊपर चल रहा है। इससे प्रभावित गांवों और मोहल्लों में हालात जस के तस बने हुए हैं। लोगों का पलायन जारी है। मंगलवार को संत प्रेमानंद ने भी स्टीमर के जरिए बाढ़ का जायजा लिया। उन्होंने सामर्थ्यवान लोगों से बाढ़ पीड़ितों की मदद का आह्वान किया। प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए 12वीं तक स्कूलों को बुधवार को बंद करने के निर्देश दिए।