समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के बरेली जाने से पहले तमाम नेता हाउस अरेस्ट

Fourth Pillar Live

यूपी डेस्क: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के हाल के उपद्रव के कारण चर्चा में आए बरेली जाने से ही प्रदेश में राजनीति पहले गरमाई गई है। जिलों से समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को शनिवार को बरेली जाने से रोकने के कारण सरकार पर हमला हो रहा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के आठ अक्टूबर को रामपुर में पार्टी के संस्थापक सदस्य नेता आजम खां से मिलने जाने का कार्यक्रम है। अखिलेश यादव का कार्यक्रम हवाई मार्ग से बरेली पहुंचने और वहां से सड़क मार्ग से रामपुर जाने का है। इससे पहले ही से पहले सियासत गरमा गई है।

मुजफ्फरनगर के सांसद हरेंद्र मलिक, रामपुर के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी और कैराना सांसद इकरा हसन आज दिल्ली से बरेली के लिए निकले थे। बरेली जाने को अड़े सांसदों को गाजियाबाद में गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने रोक लिया है। विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को शनिवार को बरेली जाना था। माता प्रसाद पाण्डेय को शनिवार को सुबह ही लखनऊ में उनके निवास अवध विहार कालोनी में हाउस अरेस्ट किया गया है। उनके आवास के बाहर सुरक्षा बल तैनात है। हाउस अरेस्ट से नाराज माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि बरेली में बेगुनाह लोगों को जेल भेजने की सूचना राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रतिनिधिमंडल बनाया है। उन्होंने कहा कि हमको रोकने के लिए डीएम को नोटिस देनी चाहिए थी। हमें वहां पार्टी कार्यकर्ताओं से जानकारी लेनी थी।

पुलिस-प्रशासन हमें पता नहीं क्यों रोकते हैं। रोकने का मतलब इनके अवैधानिक काम देखेंगे। हम इनके सारे अवैधानिक काम उजागर करेंगे। संभल से सांसद जियाउर्रहमान बर्क के आवास के बाहर नखासा व रायसत्ती दो थानों की पुलिस तैनात कर उन्हें नजरबंद कर लिया गया है। स‍ंभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने कहा कि बरेली में अभी तक करीब 51 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन लोगों का क्या दोष है, जब तक न्यायपालिका मामले का संज्ञान लेगी तब तक बहुत वक्त गुजर जाएगा। इतने लंबे समय तक वे बेगुनाह लोग जेल में क्यों रहेंगे। अगर पुलिस प्रशासन के पास कोई सबूत है कि उन्होंने कोई कानून तोड़ा है तो वे मीडिया में सबूत पेश क्यों नहीं करते हैं।

अयोध्या से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने बरेली की घटना पर कहा कि वहां शांति स्थापित होनी चाहिए। सरकार को ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे हमारी गंगा-जमुनी संस्कृति पर असर पड़े या उसे कोई कुठाराघात हो। भारत सरकार को पूर्ण भाईचारा स्थापित करने के लिए कदम उठाने चाहिए। बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद में हुए उपद्रव और उसके बाद हुई पुलिस कार्रवाई को लेकर समाजवादी पार्टी का 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को शनिवार को पीड़ितों से मुलाकात करनी थी। जिलों में प्रशासन ने उन्हें रोक दिया है। समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को बरेली की रिपोर्ट अखिलेश यादव को सौंपनी थी। समाजवादी पार्टी के सांसद इकरा हसन, जियाउर्रहमान, नीरज मौर्य, हरेंद्र मलिक व मोहिबुल्लाह नदवी को भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया है।

 

 

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