दिल्ली ब्लास्ट में बुझ गया घर का चिराग, अमरोहा के अशोक कुमार की मौत, उजड़ा परिवार

Fourth Pillar Live

यूपी डेस्क: दिल्ली के लाल किले के पास हुए बम धमाके ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस दर्दनाक हादसे में उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के रहने वाले अशोक कुमार (34 वर्ष) की मौत ने उनके पूरे परिवार को उजाड़ दिया. अशोक, जो दिल्ली में बस कंडक्टर का काम करते थे, रोज़ की तरह अपनी ड्यूटी पूरी कर घर लौट रहे थे. लेकिन उस दिन उनकी किस्मत ने साथ छोड़ दिया और धमाके ने सब कुछ खत्म कर दिया. अमरोहा जिले के हसनपुर थाना क्षेत्र के मंगरौला गांव में अशोक का पैतृक घर है. पिता का देहांत पहले ही हो चुका है, अब बूढ़ी मां और बाकी परिवार का सहारा सिर्फ अशोक थे. गांव में हर किसी की आंखें नम हैं, लेकिन मां को अभी तक बेटे की मौत की खबर नहीं दी गई. परिवार का कहना है कि मां की तबीयत नाजुक है, इसलिए फिलहाल सच छिपाकर रखा गया है.

अशोक की पत्नी और तीन छोटे बच्चे है. दो बेटियां और एक बेटा है. दिल्ली में किराए के मकान में रहते थे. परिवार का पूरा खर्च उसी की नौकरी से चलता था. रिश्तेदारों के मुताबिक, वो हमारे जीजा लगते थे. बहुत मेहनती इंसान थे, ड्यूटी खत्म करके रोज़ परिवार के लिए सामान लेकर लौटते थे. सोच भी नहीं सकते थे कि ऐसी मौत होगी. अशोक के चचेरे भाई सोमपाल शर्मा ने बताया कि पुलिस ने टीवी पर खबर आने के बाद ही गांव में पहुंचकर परिजनों से पूछताछ की. परिजनों ने बताया कि हमें टीवी से पता चला कि दिल्ली ब्लास्ट में अमरोहा का एक व्यक्ति मारा गया है. कुछ देर बाद पुलिस आई और नाम की पुष्टि की. ये नाकामी है, इतनी बड़ी चूक कैसे हो सकती है. परिवार ने मांग की है कि सरकार पीड़ित परिवार को उचित मुआवज़ा दे और दोषियों को जल्द सज़ा दिलाए. गांव में लोगों का कहना है कि अशोक जैसा सीधा-सादा आदमी आतंकियों की साज़िश का शिकार हो गया.

दिल्ली ब्लास्ट की जांच में कश्मीर से लेकर फरीदाबाद और लखनऊ तक फैले नेटवर्क के तार जुड़ने लगे हैं. दिल्ली पुलिस ने जैसे ही मृतकों की पहचान जारी की, अमरोहा पुलिस हरकत में आ गई. स्थानीय पुलिस टीम मंगरौला गांव पहुंची और परिजनों से अशोक के दिल्ली में रहन-सहन, नौकरी और दोस्तों के बारे में पूछताछ की. पुलिस ने यह भी जांच शुरू कर दी है कि धमाके वाले इलाके में उस दिन अशोक किस रूट पर था और कैसे वहां पहुंचा. फिलहाल परिजनों को दिल्ली बुलाया गया है. घटना की जानकारी मिलते ही मंगरौला गांव में मातम छा गया. पूरे गांव के लोग अशोक के घर के बाहर इकट्ठा हो गए. महिलाएं रो-रोकर बेहाल हैं. किसी को विश्वास नहीं हो रहा कि जो कल तक रोज़ फोन करके हालचाल लेता था, आज नहीं रहा. परिवार के करीबी बताते हैं कि अशोक की मौत की पुष्टि होने के बाद उनकी पत्नी और भाई दिल्ली रवाना हो गए हैं. दिल्ली में पोस्टमार्टम के बाद शव को गांव लाने की तैयारी की जा रही है.

अशोक न केवल अपने बच्चों और पत्नी का सहारा थे, बल्कि अपने छोटे भाई और बूढ़ी मां की भी जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर थी. रिश्तेदारों के मुताबिक, वो अक्सर कहते थे- जब तक हाथ-पैर चलते हैं, सबको संभाल लूंगा. लेकिन अब वह कंधा ही नहीं रहा जिस पर पूरा परिवार टिका था. गांव के प्रधान ने कहा कि “अशोक का जाना हमारे गांव के लिए अपूरणीय क्षति है. सरकार को चाहिए कि ऐसे परिवारों की मदद के लिए स्थायी व्यवस्था करे. अशोक के घर वालों ने बताया कि कल ही अशोक का फोन आया था. उन्होंने कहा था कि बस कुछ ही देर में घर पहुंच रहा हूं. बच्चों के लिए बिस्किट और दूध ले लिया है. कुछ ही देर बाद टीवी पर धमाके की खबर आई.

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