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यूपी डेस्क: लखनऊ पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. साइबर सेल और पीजीआई थाना पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी रैकेट का खुलासा किया है. गिरोह श्रीलंका, सिंगापुर, दुबई और भारत से संचालित हो रहा था. एक अपार्टमेंट से 15 जालसाज पकड़े गए हैं जो फर्जी ऐप और वेबसाइट के जरिये देशभर में करोड़ों की ठगी कर रहे थे. राजधानी लखनऊ में पुलिस को साइबर ठगी के एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ करने में सफलता मिली है. साइबर क्राइम थाना, साइबर सेल और थाना पीजीआई की संयुक्त कार्रवाई में एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया गया है. गिरोह श्रीलंका, सिंगापुर, दुबई और भारत से संचालित हो रहा था.
11 जून को पुलिस को सूचना मिली कि शामिया मेल रोड स्थित एक अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 1105 में कुछ युवक संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त हैं. पुलिस टीम ने छापा मारकर मौके से 15 जालसाजों को गिरफ्तार किया. उनके पास से 70 मोबाइल, 12 लैपटॉप, 115 एटीएम कार्ड, 25 चेकबुक, 53 पासबुक, 38 सिम कार्ड और फर्जी दस्तावेज बरामद हुए. गिरोह अन्ना रेड्डी नामक फर्जी मोबाइल ऐप और वेबसाइट के जरिये निवेश, ऑनलाइन गेमिंग और नौकरी का झांसा देकर लोगों से पैसे मंगवाता था. टास्क पूरा करने पर मोटा रिटर्न देने का वादा किया जाता था, लेकिन पैसे मिलते ही खाता ब्लॉक कर दिया जाता था.
ठग फर्जी सिम कार्ड और बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे ताकि ट्रांजैक्शन ट्रेस न हो. रकम तुरंत निकालकर डिवाइस और लोकेशन बदल दी जाती थी. डीसीपी क्राइम कमलेश दीक्षित ने बताया कि गिरोह का नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला है. मास्टरमाइंड्स को विदेशों में रकम भेजी जाती थी. अधिकतर शिकायतें दक्षिण भारत से मिली थीं. गिरफ्तार आरोपियों में यूपी, बिहार के युवक शामिल हैं. इनके खिलाफ थाना पीजीआई में मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है.