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यूपी डेस्क: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के रमाला क्षेत्र में बीते 15 दिनों में हुई 12 मौतों से दहशत का माहौल है. ग्रामीणों में डर है और आशंका जताई जा रही थी कि इसका कारण गांव से गुजर रहा गंदा नाला हो सकता है. अब इस मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) डॉ. तीरथलाल का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि 12 नहीं, 9 मौतें हुई हैं और वे स्वाभाविक थीं. हालांकि ऐहतियातन गांव में जांच और स्वास्थ्य शिविर लगाने का निर्णय लिया गया है.
बूढ़पुर गांव में पिछले दो हफ्तों के भीतर एक के बाद एक कई मौतें हुई, जिससे ग्रामीणों में अफरातफरी मच गई. करीब 8 हजार की आबादी वाले इस गांव में जब 12 मौतों की चर्चा होने लगी तो स्थानीय प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव से होकर गुजर रहा नाला बीमारियों की जड़ है. उनका कहना है कि इस नाले से उठ रही जहरीली गैस और प्रदूषित हवा के कारण लोगों की तबीयत बिगड़ रही है, जिससे हार्ट अटैक की घटनाएं बढ़ी हैं. ग्रामीणों के अनुसार, कुछ लोगों की मौत सुबह टहलते समय, कुछ की खेत में काम करते हुए और कुछ की नींद में ही हो गई.
बागपत के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. तीरथलाल ने इस मामले पर कहा कि गांव में 12 नहीं, बल्कि 9 लोगों की मौत हुई है. उनकी उम्र अधिक थी और सभी पहले से किसी न किसी बीमारी से पीड़ित थे. प्रथम दृष्टया ये मौतें स्वाभाविक प्रतीत हो रही हैं. डॉ. तीरथलाल ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव में भेजा गया है और पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. एहतियात के तौर पर गांव में एक स्वास्थ्य शिविर भी लगाया जाएगा, जहां लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी और आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन नाले की सफाई कराए और गांव की हवा व पानी की गुणवत्ता की जांच कराए, साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सतर्कता व निगरानी बढ़ाई जाए. हालांकि CMO ने मौतों को स्वाभाविक बताया है, लेकिन लगातार हो रही मृत्यु की घटनाओं ने गांव में डर का माहौल बना दिया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से शिविर और जांच की पहल एक सही कदम मानी जा सकती है, लेकिन नाले की स्थिति और पर्यावरणीय कारणों की भी गहनता से जांच जरूरी है.