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एनसीआर डेस्क: हरियाणा के नूंह में वार्षिक धार्मिक जुलूस में भाग लेने से रोकने के लिए गौरक्षक बिट्टू बजरंगी को फरीदाबाद में नजरबंद कर दिया गया। गोरक्षक बजरंग बल के प्रमुख बजरंगी पर सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में दंगा, मारपीट, हथियार लहराने और डकैती के आरोप में मामला दर्ज है। पुलिस ने बताया कि जुलूस पूरा होने तक वे नजरबंद रहेंगे। जुलाई 2023 में ब्रज मंडल जलाभिषेक के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के आरोपी गौरक्षक राज कुमार उर्फ बिट्टू बजरंगी को सोमवार को फरीदाबाद में नजरबंद कर दिया गया। उन्हें नूंह में वार्षिक धार्मिक जुलूस में भाग लेने से रोकने के लिए नजरबंद किया गया।
2023 की हिंसा गुरुग्राम तक फैल गई और इसमें छह लोग मारे गए और 70 से ज्यादा घायल हुए। गोरक्षक बजरंग बल के प्रमुख बजरंगी पर सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में दंगा, मारपीट, हथियार लहराने और डकैती के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। वह हिंसा के लिए गिरफ्तार किए गए 292 लोगों में शामिल थे। एक अन्य गोरक्षक मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर पर भड़काऊ वीडियो जारी करने का आरोप था, जिससे सांप्रदायिक तनाव भड़क उठा था। पुलिस ने बताया कि रविवार शाम फरीदाबाद स्थित बजरंगी के आवास के बाहर दो हथियारबंद पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए। उन्होंने बताया कि जुलूस पूरा होने तक वे वहीं रहेंगे।
नूंह पुलिस ने बजरंगी को नज़रबंद करने से पहले यात्रा में शामिल होने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। फरीदाबाद पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी यशपाल यादव ने बताया कि बजरंगी ने रविवार को एक हलफनामा दिया था कि वह कोई भी गलत बयान नहीं देंगे। कुमार ने बताया कि रविवार शाम उन्हें उनके घर से पुलिस थाने ले जाया गया ताकि नूंह में जुलूस पूरा होने तक उन्हें वहीं रखा जा सके। इस पर बिट्टू बजरंगी ने कहा, “मैंने उनसे अनुरोध किया कि मुझे मेरे घर पर ही रखा जाए। मैंने शपथ पत्र जमा किया तो उन्होंने मुझे जाने दिया और मेरे घर के प्रवेश द्वार पर दो हथियारबंद सिपाही तैनात कर दिए।” बिट्टू बजरंगी ने जुलूस में शामिल होने की अनुमति के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का रुख किया था। उन्होंने अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया था।