भातखंडे संगीत संस्थान विश्वविद्यालय के 2 HOD समेत 7 गिरफ्तार, CBCID ने की कार्रवाई

Fourth Pillar Live

यूपी डेस्क: सीबीसीआईडी ने भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय के नृत्य विभागाध्यक्ष ज्ञानेंद्र दत्त बाजपेई व ताल वाद्य के मनोज कुमार मिश्रा समेत सात आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में आरोपित पूर्व कुलपति प्रो. श्रुति सडोलीकर काटकर की गिरफ्तारी पर स्टे है। इन सभी पर 3.31 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता करने का आरोप लगा था। शासन के आदेश पर पिछले साल जनवरी में सीबीसीआईडी ने जांच शुरू की थी।

सीबीसीआईडी ने मंगलवार रात को अचानक इस मामले में कार्रवाई की। ज्ञानेन्द्र व मनोज के अलावा गिरफ्तार लोगों में निजी फर्म के कर्मचारी मो. शोएब, कुन्दन सिंह, सुरेश सिंह, विनोद कुमार मिश्र व जुगल किशोर वर्मा है। बताया जाता है कि पूर्व कुलपति श्रुति को भी गिरफ्तार करने के लिए टीम गई थी लेकिन वहां पहुंचने पर पता चला कि उनकी गिरफ्तारी पर अभी स्टे लगा हुआ है।

इस चर्चित मामले में पांच मार्च, 2021 को तत्कालीन कुलपति डॉ. लवकुश द्विवेदी ने कैसरबाग कोतवाली में एफआईआर कराई थी। वित्तीय अनियमितता की शिकायत मिलने पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद ही एफआईआर के आदेश हुए थे। जनवरी 2024 में सीबीसीआईडी की जांच में खुलासा हुआ था कि भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति श्रुति सडोलीकर काटकर, तत्कालीन आहरण वितरण अधिकारी और बजट जारी करने वाले कर्मचारियों ने शासन के नियमों को दरकिनार कर अनियमितता बरती। इनके साथ साठगांठ में 12 फर्मों के अधिकारी कर्मचारी भी रहे। इन लोगों ने तीन करोड़ 31 लाख 13 हजार 607 रुपये की वित्तीय अनियमितता की।

सीबीसीआईडी ने अपनी जांच में इन सभी आरोपितों के बयान दर्ज किए थे। साथ ही कई सुबूत भी जुटाए। इन कर्मचारियों के सामने जब कई साक्ष्य रखे गए तो ये लोग सीबीसीआईडी के कई सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे सके थे। इस आधार पर ही सीबीसीआईडी ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। इस अनियमितता के सामने आने पर कुलपति श्रुति को बर्खास्त कर दिया गया था।

इस मामले में दर्ज एफआईआर में पूर्व कुलपति श्रुति और इस विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों पर कुछ कम्पनियों को बिना टेंडर के काम दिया गया और उसका भुगतान कर दिया गया। वर्ष 2017-18 में बिना टेंडर के एक ही तरह के काम अलग-अलग कम्पनियों को देकर भुगतान किया गया। बिना टेंडर के कई करोड़ के काम दे दिए गए थे। सीबीसीआईडी की ओर से 18 जून को दाखिल आरोप पत्र में फर्म अंजली ट्रेडर्स, ऊषा एसोसिएट्स, साईं कृपा ट्रेडिंग कारपोरेशन, एक्यूरेट इंजीनियरिंग, भागीदार इंडियन फायर सर्विस इंटरप्राइजेज, एपेक्स कूलिंग सर्विस, पुण्य इंटरप्राइजेज, विशाल बिल्डर्स, एचए ट्रेडर्स, वर्मा इलेक्ट्रिकल्स, बीआर इंटरप्राइजेज और शर्मा रेफ्रिजरेशन का नाम था।

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