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यूपी डेस्क: बसपा चीफ और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने नई दिल्ली का अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है. सूत्रों के हवाले से ये खबर सामने आई है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बंगला खाली करने के पीछे कोई सियासी वजह है या फिर सुरक्षा कारण? फिलहाल या साफ नहीं हो पाया है, लेकिन जिस तरीके से मायावती लगातार सियासी फैसले कर रही हैं, यह बता रहा है कि 2027 को लेकर मायावती की सियासी तैयारी अलग है.
दरअसल, मायावती किसी भी तरीके से बीजेपी से लाभान्वित होती दिखाई नहीं देना चाहती हैं. यही वजह है कि भतीजे आकाश आनंद की Y कैटेगरी सिक्योरिटी वापस होने के बाद भी मायावती ने सुरक्षा के लिए कोई बात नहीं कही और अब अपना दिल्ली स्थित 35-लोधी रोड का सरकारी बंगला भी वापस कर दिया है.
सूत्रों के मुताबिक, वजह सुरक्षा के कारण जरूर दिए गए हैं लेकिन पार्टी के अंदरूनी लोगों के अनुसार इसके पीछे वजह सियासी ही है. हाल ही में कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता और गांधी परिवार के करीबी इमरान मसूद ने बसपा प्रमुख को कांग्रेस के साथ आने का न्योता दिया है. हालांकि, मायावती ने हमेशा से कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार किया है लेकिन जिस तरीके से सपा और कांग्रेस के गठबंधन में तकरार बढ़ती जा रही है यह यूपी में एक नई सियासत की ओर इशारा कर रही है. मायावती के दिल्ली के सरकारी बंगले को लेकर क्या हुआ है-
- 35 लोधी स्टेट बंगला मायावती को पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर आवंटित था.
- मायावती के एकाएक बंगला खाली करने को लेकर चर्चाएं गर्म हैं.
- एक तरफ जहां बंगला खाली करने को लेकर सिक्योरिटी रीजन बताए जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ 2024 में लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन को लेकर बसपा के राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक, 20 मई को बंगले की चाबी CPWD को सौंप दी गई है. साथ ही जेड प्लस सिक्योरिटी यूनिट को भी जानकारी दे दी गई है.