तबादलों में भ्रष्टाचार पर सपा-बसपा ने साधा निशाना, बताया बंटवारे और लेनदेन का झगड़ा

Fourth Pillar Live

यूपी डेस्क: तबादलों में भ्रष्टाचार और मंत्री-अफसरों के बीच खुले मोर्चों ने विपक्ष को सरकार पर हमलावर होने का अवसर दे दिया है। शुक्रवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने अलग-अलग निशाना साधा। अखिलेश ने कहा कि पूरी भाजपा सरकार में बंटवारे और लेनदेन का झगड़ा चल रहा हे। अधिकारी अपने मन से काम करना चाहते हैं, मंत्री अपने मन से। उन्होंने ट्रांसफर में वसूली का भी आरोप लगाया। वहीं मायावती ने एक्स पर पोस्ट पर मुख्यमंत्री को एसआइटी गठित कर जल्द से जल्द कार्रवाई की सलाह दी। स्टांप राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल द्वारा विभागीय तबादलों में भ्रष्टाचार की मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद गुरुवार को जहां आइजी निबंधन समीर वर्मा को हटाने के साथ ही तबादले स्थगित कर दिए गए, वहीं उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक द्वारा की गई शिकायत पर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं भवानी सिंह को भी पद से हटाया गया।

कई अन्य विभागों में भी स्थानांतरण को लेकर भ्रष्टाचार के प्रश्न उठ रहे हैं। जिसके बाद पहले से भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले विरोधी दल भी मुखर हो गए हैं। शुक्रवार को अखिलेश ने पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से कहा कि एक डिप्टी सीएम ने लिखित शिकायत की है कि उन्हें अधिकारियों ने ट्रांसफर लिस्ट नहीं दिखाई। स्वास्थ्य विभाग में अलग झगड़ा चल रहा है। सीएमओ और डीएम के बीच लड़ाई में विधायकों में भी बंटवारा हो गया। शिक्षा, लोकनिर्माण विभाग हर जगह ट्रांसफर का रेट है। नगर विकास विभाग में भारी भ्रष्टाचार है। बारिश से शहरों में नाले, नालियां चोक हो गयीं। स्मार्ट शहरों के लिए अलग से आया बजट कहां चला गया? यह लोग नदी-नाली का पैसा खा गए। प्रदेश में इस समय जितना भ्रष्टाचार है वैसा कभी नहीं था।

वहीं मायावती ने भी सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार का प्रश्न उठाया है। बसपा प्रमुख ने एक्स पर लिखा कि देश के अधिकतर प्रदेशों की तरह यूपी में भी हर स्तर पर सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार और हिस्सेदारी के आरोपों से घिरे तबादलों की चर्चा है। इन चर्चाओं का मुख्यमंत्री को संज्ञान लेना चाहिए। भ्रष्टाचार निरोधक विजिलेंस विभाग आदि को सक्रिय करना चाहिए और एक समयबद्ध एसआइटी का गठन करना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सलाह देते हुए कहा कि सरकारी भ्रष्टाचार व अफसरों की द्वेषपूर्ण मनमानी पर सीएम जितना जल्द सख्त कदम उठाएं, उतना बेहतर होगा।

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