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एनसीआर डेस्क: दक्षिण भारतीयों को जीरो प्रतिशत पर लोन दिलाने का झांसा देकर बीमा कर ठगने वाले कॉल सेंटर का मंगलवार को फेज वन व साइबर क्राइम थाना पुलिस ने पर्दाफाश किया। सेक्टर 16 में करीब डेढ़ साल से संचालित हो रहे कॉल सेंटर से पुलिस ने 11 स्टाफ को गिरफ्तार किया। मौके से 43 लैंडलाइन फोन, 21 मोबाइल, पांच लैपटाप, 61 सिम कार्ड, दो लाख से ज्यादा ग्राहकों के डाटा संबंधी दस फाइल बरामद कीं। एक वेंडर की मदद से लोन संबंधी लोगों का डाटा खरीदा था। बैंगलुरू के एक व्यक्ति की एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत मिलने पर गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस ठगों तक पहुंची।
एक हजार से ज्यादा लोगों से ठगी करना सामने आया है। सरगना दंपती और वेंडर फरार हैं। डीसीपी नोएडा युमना प्रसाद ने बताया कि एक पीड़ित की शिकायत पर फेज वन व साइबर थाना पुलिस ने सेक्टर 16 में चल रहे कॉल सेंटर की जांच की तो शिकायत सही मिली। टीम ने गाजियाबाद कविनगर के विक्रम सिंह, खोड़ा के अमन, केशव कुमार झा, फारुखनगर के अरमान चौधरी, दिल्ली हर्ष विहार के मोहित, बदरपुर बार्डर के फिरोज खान, अरविंद नगर घोंडा के राहुल कुमार, दल्लूपुरा के अक्षय कुमार, वेस्ट विनोद नगर के पंकज सिंह, आगरा शमशाबाद के राहुल सिंह व नोएडा सेक्टर 22 की दिव्या को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में पता चला है कि कॉल सेंटर का निदेशक गौरव जोशी व उसकी पत्नी नेहा है। दोनों ने डेढ़ साल पहले सेक्टर 16 में कॉल सेंटर खोला था। पिछले दिनों एक वेंडर से 50 हजार रुपये में लोन संबंधी दो लाख लोगों का डाटा खरीदा था। कमीशन पर रखा 44 लोगों के स्टाफ से जीरो प्रतिशत पर तीन से 30 लाख रुपये का लोन दिलाने का फोन कर से झांसा दिलाते थे। लोगों के रूचि लेने पर पंजीकरण आदि फीस के नाम पर मेरा बीमा नाम की कंपनी के खाते में जमा करा देते थे, लेकिन इस बारे में उनको नहीं बताते थे। स्टाफ को बीमा कंपनी प्रबंधन से 40 से 60 प्रतिशत तक कमीशन मिलता था। उसके बाद कागजों में कमी बताकर पीड़ितों को टरकाते थे। पीड़ितों के दूरदराज के होने के कारण स्थानीय पुलिस तक शिकायत नहीं पहुंचती थी। उधर, कार्यालय करीब दो लाख रुपये किराये पर लिया हुआ था। उधर, पुलिस बीमा कंपनी की जांच कर रही है।
आए दिन ऑनलाइन लोन का झांसा देकर ठगने और किश्त देने के बाद भी धमकी मिलने जैसे मामले सामने आते हैं। पुलिस की ओर से भी ऑनलाइन लोन के झांसे में आकर ठगने से बचने की सलाह दी जाती है। एडीसीपी साइबर शैव्या गोयल ने बताया कि अनजान लोगों से ऑनलाइन को भी सेवा लेने से पहले उसके बारे में ठोस जानकारी करनी चाहिए। ठगी होने पर एनसीआरपी पोर्टल और 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करानी चाहिए।