मेरठ में अवैध कॉम्प्लेक्स पर बुलडोजर एक्शन, 31 और बिल्डिंग मालिकों को नोटिस, व्यापारी धरने पर

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एनसीआर डेस्क: उत्तर प्रदेश के मेरठ के सेंट्रल मार्केट में 661/6 अवैध कॉम्प्लेक्स पर बुलडोजर एक्शन को अभी व्यापारी भूल भी नहींन पाए थे कि अब यहां दूसरे प्रतिष्ठानों पर भी ध्वस्तीकरण की तलवार लटक रही है. इसको लेकर व्यापारियों में हड़कंप मच गया है. आवास विकास परिषद ने 31 भूखंडों पर बनी अवैध दुकानों को नोटिस जारी किया है. जिसके बाद व्यापारी सड़क पर उतर आए हैं और अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है. व्यापारियों ने शांति मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया और सरकार से दुकानों को रेगुलराइज करने की अपील की है. साथ ही, आवास विकास के भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. दरअसल, मेरठ के शास्त्री नगर के सेंट्रल मार्केट में 25 अक्टूबर को मेरठ के आवास विकास परिषद ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश से आवासीय प्लॉट पर बने एक कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई थी. इसके बाद आवास विकास के अधिकारियों ने बताया था कि इसके अलावा 31 और ऐसी बिल्डिंग को चिन्हित किया गया है जिन पर अवैध तरीके से कमर्शियल बिल्डिंग या दुकानें बनाई गई हैं.

इसके बाद सेंटर मार्केट शास्त्री नगर के व्यापारियों में फिर से बुलडोजर एक्शन की आशंका को लेकर हड़कंप मच गया. बीते सोमवार को सेंट्रल मार्केट के व्यापारी दुकानें बंद कर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए, जो आज तक जारी है. बाजार के व्यापारियों ने बताया कि कुल 31 भूखंड हैं जिन पर दुकानें बनी हैं. इन भूखंड स्वामियों को नोटिस जारी कर दिया गया है. जिससे हजारों लोगों के सामने रोजगार का संकट गहरा गया है. व्यापारियों ने सरकार से दुकानों को रेगुलराइज करने की अपील की है और आवास विकास के भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. व्यापारियों का कहना है कि वे अपने व्यवसाय को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उन्हें न्याय की उम्मीद है. बड़ी संख्या में लोगों ने बाजार बंद कर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी करते हुए पैदल मार्च भी निकाला है. गौरतलब है कि मेरठ शहर की सेंट्रल मार्केट में भवन संख्या 661/6 के ध्वस्तीकरण के बाद आवास एवं विकास परिषद ने बड़ा अभियान शुरू कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद परिषद ने माधवपुरम, जागृति विहार और सेंट्रल मार्केट समेत अन्य क्षेत्रों में 150 से अधिक आवंटियों को नोटिस जारी किए हैं. उन्हें 15 दिन में व्यावसायिक गतिविधियां बंद करने का आदेश दिया गया है. आदेश न मानने पर सीलिंग और ध्वस्तीकरण की चेतावनी दी गई है. सुप्रीटेंडिंग इंजीनियर राजीव कुमार ने कहा कि 661/6 का ध्वस्तीकरण इसी क्रम में हुआ है और अवैध निर्माणों पर कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी. इस सख्ती के खिलाफ व्यापारियों ने अब सड़कों पर उतरकर ‘आर-पार की लड़ाई’ लड़ने की चेतावनी दी है.

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