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नई दिल्ली डेस्क: दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र अगस्त के पहले हफ्ते में आयोजित किया जाएगा, जिसमें पूरी तरह से डिजिटल प्रक्रियाओं को अपनाने पर खास जोर दिया जाएगा. इसके लिए सभी विधायकों को एप्लिकेशन के इस्तेमाल के लिए तीन दिवसीय ट्रेनिंग आज से जाएगी. अधिकारियों के अनुसार, इस सत्र से पहले विधायकों के लिए नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार से शुरू होगा, ताकि पेपरलेस कार्यवाही में सुगमता सुनिश्चित की जा सके.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता विधानसभा कैंपस में नवस्थापित NeVA (नेवा) ट्रेंनिंग सेंटर का उद्घाटन करेंगे. ये कार्यक्रम 23 जुलाई तक चलेगा. ये ट्रेनिंग सेंटर संसदीय कार्य मंत्रालय के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा संचालित किया जाएगा. अधिकारियों के अनुसार, NeVA प्रशिक्षण का उद्देश्य कागज रहित कार्यप्रणाली को अपनाकर पारदर्शिता और दक्षता लाना है. इस बारे में विजेंद्र गुप्ता ने कहा, ‘डिजिटल बदलाव अब एक विकल्प नहीं, बल्कि जन-केंद्रित कानून बनाने के लिए एक जरूरत है.’ गुप्ता ने कहा, ‘प्रशिक्षण केंद्र और कार्यक्रम का शुभारंभ दिल्ली विधानसभा की उस सक्रिय पहल को दर्शाता है जो आधुनिक, जवाबदेह और नागरिक-केंद्रित विधायी प्रथाओं के साथ विधायी प्रक्रियाओं को संरेखित करने की दिशा में है.’
मानसून सत्र का एक प्रमुख एजेंडा प्राइवेट स्कूलों की फीस को नियंत्रित करने वाला विधेयक होगा जो 29 अप्रैल को कैबिनेट द्वारा पारित अध्यादेश पर आधारित है. इस विधेयक में मनमानी फीस बढ़ोतरी के लिए 1 से 10 लाख रुपये तक के जुर्माने, 20 दिनों के अंदर अनिवार्य रिफंड, और देरी होने पर सजा का प्रस्ताव है. इसके अलावा अगर कोई स्कूल बार-बार कानून का उल्लंघन करते है तो स्कूल प्रबंधन को फीस संशोधन या अपने सभी अधिकारों से वंचित किया जा सकता है. ये सत्र न केवल दिल्ली की विधायी प्रक्रिया में डिजिटल क्रांति की शुरुआत करेगा, बल्कि नागरिकों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करेगा. वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) इस सत्र में बीजेपी सरकार को दिल्ली में जलभराव, यमुना सफाई और जल आपूर्ति जैसे मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेगी.