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नई दिल्ली डेस्क: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिसने राजधानी को बाढ़ के खतरे की कगार पर ला खड़ा किया है। रविवार रात को लोहा पुल पर जलस्तर 204.12 मीटर तक पहुंच गया, जो चेतावनी स्तर 204.50 मीटर से बस कुछ ही कदम दूर है। हथिनीकुंड बैराज से पानी की भारी मात्रा छोड़े जाने और हाल की बारिश ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। दिल्ली सरकार ने तुरंत कदम उठाते हुए यमुना बैराज के सभी गेट खोल दिए हैं और प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
रविवार रात 8 बजे लोहा पुल पर यमुना का जलस्तर 204.12 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी स्तर 204.50 मीटर से थोड़ा ही कम है। यह स्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर के बेहद करीब है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर जलस्तर इसी रफ्तार से बढ़ता रहा, तो अगले कुछ घंटों में यह खतरे की सीमा को पार कर सकता है। दिल्ली के लिए 206 मीटर पर निकासी की प्रक्रिया शुरू होती है, जिसके चलते प्रशासन ने पहले से ही तैयारियां तेज कर दी हैं। यमुना के बढ़ते जलस्तर का मुख्य कारण हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी है। रविवार को बैराज से 12,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो दिल्ली की ओर बढ़ रहा है। आमतौर पर, बैराज से छोड़ा गया पानी दिल्ली पहुंचने में 48 से 50 घंटे लेता है, जिसका मतलब है कि अगले दो दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। इसके अलावा, हरियाणा और उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में हुई बारिश ने भी यमुना के जलस्तर को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने यमुना बैराज के सभी गेट खोल दिए हैं, ताकि पानी का प्रवाह सुचारू रहे। यह कदम 2023 की बाढ़ की स्थिति से सबक लेते हुए उठाया गया है, जब बंद गेटों के कारण पानी का बहाव रुक गया था। सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘हम हर पल स्थिति पर नजर रख रहे हैं। सभी संबंधित एजेंसियां अलर्ट पर हैं और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क किया जा रहा है।’ प्रशासन ने संभावित बाढ़ से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम शुरू कर दिए हैं। नदी के किनारे बसे इलाकों में मुनादी कर लोगों को सतर्क किया जा रहा है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों का कहना है कि करीब 12,000 लोगों को प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की योजना तैयार है। पुराना रेलवे ब्रिज, जिसे जलस्तर मापने का प्रमुख केंद्र माना जाता है, पर निगरानी बढ़ा दी गई है। दिल्लीवासियों से अपील की गई है कि वे नदी के आसपास सावधानी बरतें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। यमुना का जलस्तर अगर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार करता है, तो दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा। खासकर यमुना बाजार, गीता कॉलोनी और अन्य नदी किनारे के क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।