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यूपी डेस्क: दिल्ली के लाल किले के पास इको वैन में हुए भीषण धमाके के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई है. दिल्ली धमाके में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 घायल होने की पुष्टि हुई है. धमाका इतना जबरदस्त था कि पांच से छह गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए, आसपास की दीवारें तक दरक गई. एनआईए और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल मौके पर पहुंचकर जांच में जुटी हैं. शुरुआती जांच में यह हाई इंटेंसिटी ब्लास्ट बताया जा रहा है. इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश में भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त कर दिए गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश भर में हाई अलर्ट घोषित करते हुए पुलिस व प्रशासनिक अफसरों को निर्देश दिया है कि किसी भी कीमत पर शांति व्यवस्था भंग नहीं होनी चाहिए. योगी सरकार ने साफ कहा है किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति पर तुरंत कार्रवाई करें, अफवाहों पर लगाम लगाएं और जनता में भरोसा बनाए रखें. धमाके की सूचना मिलते ही प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर समेत सभी जिलों के जिला अधिकारी और पुलिस कप्तान खुद ग्राउंड जीरो पर उतर आए हैं. संगम नगरी प्रयागराज में सिविल लाइंस के सुभाष चौराहे पर देर शाम तक पुलिस ने सघन चेकिंग अभियान चलाया. आने-जाने वाले वाहनों की डिक्की और बूट तक की तलाशी ली गई. संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की गई और कई जगहों पर बैरियर लगाकर आवागमन नियंत्रित किया गया. प्रयागराज की मध्य प्रदेश सीमा से लगे चाकघाट बार्डर पर भी सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है. वहीं, रेलवे स्टेशन, बस अड्डा और एयरपोर्ट जैसे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वायड की तैनाती की गई है.
अयोध्या, काशी (वाराणसी) और मथुरा जैसे धार्मिक नगरों में पुलिस-प्रशासन विशेष सतर्कता बरत रहा है. राम जन्मभूमि परिसर, काशी विश्वनाथ धाम और कृष्ण जन्मभूमि मंदिर क्षेत्र में सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है. अयोध्या में एसएसपी और जिलाधिकारी ने खुद बैरियरों का निरीक्षण किया और ड्यूटी पर लगे पुलिसकर्मियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए. वाराणसी में ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है, ताकि भीड़भाड़ वाले इलाकों में कोई संदिग्ध हलचल तुरंत पकड़ में आ सके. मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे से आने-जाने वाले वाहनों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. सर्विलांस टीम और इंटेलिजेंस यूनिट को भी अलर्ट पर रखा गया है. मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा और सहारनपुर में पुलिस ने रेड अलर्ट मोड अपना लिया है. दिल्ली से सटी सीमाओं पर नाकेबंदी कर दी गई है. हर वाहन की जांच की जा रही है और यात्रियों की आईडी व मोबाइल लोकेशन तक चेक की जा रही है. मेरठ में पुलिस ने सर्किट हाउस से लेकर घंटाघर तक गश्त तेज कर दी है. वहीं, नोएडा में सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा हो रही है और मॉल्स, मेट्रो स्टेशनों तथा कॉर्पोरेट हब सेक्टर-62 में अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है. गाजियाबाद में पुलिस ने रातभर संवेदनशील इलाकों में पैदल मार्च किया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शाम को आपात बैठक बुलाकर गृह विभाग और पुलिस के उच्चाधिकारियों से हालात की समीक्षा की. सीएम ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में सतर्कता, जांच और जनसंपर्क तीनों मोर्चों पर तेजी से काम होना चाहिए. उन्होंने आदेश दिया कि सोशल मीडिया पर फैल रही किसी भी अफवाह की तुरंत पुष्टि और रोकथाम की जाए. ड्रोन, सीसीटीवी और तकनीकी निगरानी प्रणाली का अधिकतम उपयोग किया जाए. सूत्रों के मुताबिक, यूपी पुलिस के साथ एटीएस (Anti-Terror Squad) और आईबी (Intelligence Bureau) भी सक्रिय हो गई हैं. सीमावर्ती जिलों बलिया, गोरखपुर, बहराइच, सोनभद्र, मिर्जापुर और मऊ में खुफिया तंत्र को इनपुट एकत्र करने के निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी, आगरा और झांसी पर सादी वर्दी में सैकड़ों पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और जीआरपी ने ट्रेन में सघन चेकिंग अभियान शुरू कर दिया है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति, वस्तु या गतिविधि की सूचना तुरंत 112 नंबर या निकटतम पुलिस चौकी पर दें. पुलिस ने साफ किया है कि अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई फर्जी संदेशों और पुरानी तस्वीरों को वायरल करने की कोशिशें भी देखी गई हैं. साइबर सेल इन पर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं.